सहकारी समिति कर्मचारी की हडताल को लेकर आम लोगो को नही मिल पा रहा राशन ओर किसानो का गेहूँ का नही हो पा रहा पंजीयन।

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जिले की राशन दुकानों के कर्मचारी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस कारण जिले के एक लाख से अधिक परिवार के पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं। अन्ना उत्सव पर भी इसका असर हुआ है। इस बार अब तक उत्सव नहीं हो पाया है। इस कारण ग्रामीणों को परेशानी आएगी।
सहकारी समितियों के कर्मचारी विभिन्ना मांगों को लेकर 6 फरवरी से अनिश्चित कालीन कलमबंद हड़ताल पर हैं। कर्मचारी कलेक्टोरेट परिसर के टिन शेड में प्रदर्शन कर रहे हैं। मुख्य रूप से इनकी मांग है कि सहकारी समितियों के प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, विक्रेताओं, लेखापाल, लिपिक, आपरेटर, भृत्य व चौकीदार को शासकीय कर्मचारी घोषित कर मप्र सरकार के कर्मचारियों की भांति वेतन, भत्ते, बीमा एवं अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाए। शासन द्वारा जो राशन काटा गया है, उसका तुरंत आवंटन जारी किया जाए। संस्थाओं का पीडीएस कमीशन कई वर्षों से नहीं दिया गया है। यह तत्काल जारी किया जाए। साथ ही आगे से नियमित भुगतान की व्यवस्था बनाई जाए, और जिन विक्रेताओं पर मुकदमे दायर किये है बापस लिये जाए ।
वही धार जिला इकाई के महासचिव जितेन्द्र जाधव ने बताया कि जब तक न्यायोचित मांगों को लेकर आदेश पारित नहीं हो जाते तब तक महासंघ के बैनर तले आंदोलन जारी रहेगा। चरणबद्घ आंदोलन के तहत 18 फरवरी को प्रदेश के समस्त 55 हजार कर्मचारियों द्वारा राजधानी भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर सामूहिक इस्तीफे सौंपे जाएंगे। पश्चात 19 फरवरी को भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर चक्काजाम किया जाएगा और इच्छा मृत्यु की मांग की जाएगी। आंदोलन के दौरान प्रदेश की समस्त सहकारी समितियां और उचित मूल्य की दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगी।

नयन लववंशी
धार मप्र
6261746002

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