धार

कलेक्टर ,स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के चलते मासुम उर्मिला देखने व चलने लगेगी , दिल्ली के एम्स मे होगा उपचार।

मध्यप्रदेश के धार जिले के ग्राम जामंदा की एक 6 वर्षीय मासूम बालिका के साथ भगवान ने भी ऐसा खेल खेला कि इसके साथ ही इसमे माँ बाप भी पिछले 6 वर्षो से परेशान है और इसके इलाज के लिये दर दर भटकने को गरीब मजबूर है,अब इसके माता पिता ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है , आइये देखते है क्या है इस मासूम बालिका की दुखभरी कहानी ।

ये है धार के ग्राम जामंदा की 6 वर्षीय मासूम बालिका उर्मिला , इसकी अलग ही दुख भरी दास्तां है , इसके पिता दिलीप राठौर और माता संगीता राठौर  मजदूरी करके अपना गुजारा करते है ।
6 वर्ष पहले उर्मिला का जन्म जिला अस्पताल मे हुआ , उर्मिला का जन्म समय से पहले ही हो गया था और इस कारण इसके बचने के चांस लगभग समाप्त हो चुके थे और डाक्टरो ने भी हाथ खडे कर दिये थे , लेकिन फिर भी डाक्टरो ने हिम्मत कर इस सात माह मे जन्मी बालिका को कई दिनो तक आईसीयू मे रखा गया और आखिरकार डाक्टरो ने इसकी जिंदगी तो बचा ली लेकिन अब भी यह जिंदा लाश की तरह ही है . जन्म से इस
बालिका उर्मिला की आँखे चली गई , आवाज चली गई और ये अब 6 वर्ष की हो गई लेकिन ये चल भी नही पाती . डाक्टरो के अनुसार इस बालिका को कार्नियर आपेसिटी नामक बिमारी है जिसके कारण जन्म से ही इसकी आँखो की रोशनी चली गई , इसके साथ ही यह ना तो बोल पाती है और ना ही चल पाती है , इसका इलाज दिल्ली एम्स मे होता है , इसके माता पिता इसका इलाज करवाने के भरपूर प्रयास कर रहे है . दो वर्ष पहले स्वास्थ्य विभाग की मदद से इसे दिल्ली भी ले गये थे लेकिन वहाँ इनके रुकने की व्यवस्था नही हो पाने के कारण इन्हे वापस लौटना पड़ा . अब फिर से इसके माता पिता ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार
लगाई है ।   
दिलीप राठौर (लडकी के पिता) दिखता नहीं है, बोलती नहीं है और चलती भी नहीं है। बहुत इलाज करवाया पर अभी तक ईलाज नहीं हो रहा है। कई कई भटके है, दिल्ली एम्स में गए थे, दाहोद बडोदा, उदयपुर सब दूर गए थे। कहां भी नहीं हुआ इसका। 6 साल हो गए है दौडते दौडते पर फिर भी ऐसी है। मदद के लिए गुहार लगाई थी पर कहीं सुनवाई नही हो रही।
वही जिला प्रशासन ने भी मासूम बालिका की हालत देखकर तुरंत इसकी मदद करने का फैसला ले लिया। बालिका की मदद के लिये रेडक्रास से तुरंत इसके माता पिता को 5 हजार की सहायता स्वीकृत की है . अब इसके माता पिता इस बालिका को दिल्ली एम्स लेकर जायेगे और वहाँ से बालिका का चेकअफ होने के बाद आँपरेशन के लिये लगने वाला खर्च के बारे मे जानकारी देंगे।  
शैलेन्द्रसिंह सोलंकी (अपर कलेक्टर )ने बताया कि उसको कोई गंभीर बीमारी है, उसको यहां से रैफर भी किया गया है दिल्ली एम्स मेें और उनको यह कहना था कि उनको वहां आने जाने के लिए संसाधन और पैसों की कमी है। तो यहां से कलेक्टर साहब ने पैसा स्वीकृत किया है रेडक्रास से ताकि वह दिल्ली तक जा सके। एम्स में जाकर वह अपना इलाज करा सके तथा जो भी डाॅक्टर वहां से स्टीमेंट बनाएंगे वह स्टीमेंट लेकर आएगे तो हम आगे की कार्यवाही करेंगे, शासन पूरी तरीके से मदद करेगा।

नयन लववंशी
धार मप्र
6261746002

नयन लववंशी

प्रधान संपादक | Nayanrathore844@gmail.com

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