पुल नही होने से बीमार को झोली मे डालकर नदी पार करते ग्रामीण जन,समय पर इलाज नही होने से कई गरीबों की जान गई,73साल बाद भी मुलभुत सुविधाओं से वंचित, शासन,प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सोये।
धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गुंगीदेवी के भूरियाकुंड व कई गांव ऐसे हैं, जिन्हें स्थानीय नदी पार कर दूसरे गांव या हाट बाजार ईलाज हेतु जाने के नदी पार करने के
बीमार, मजबूरी, लाचारी की यह तस्वीर…
नदी पर पुल नही होने के कारण
आदीवासी ग्रामीण अंचल मे मरीजाें ओर गर्भवती महिलाओं काे झाेली में डालकर नदी पार करने को मजबूर है ग्रामीणो की माने तो बारिश के दिनो मे नदी मे पानी का बहाव अधिक होने से नदी पार नही करने पर अस्पताल नही पहुँचने व इलाज नहीं मिलने से कई बच्चे ,बडे गर्भवती महिलाओं जान देने के बाद भी नेताओ व प्रशासन की नींद नही खुली। गुंगीदेवी पंचायत के भूरियाकुंड में स्थानीय नदी पर आजादी के बाद से आजतक पुलिया व सडके दो मजरे मे नही है, दाे मजरे की जनसंख्या 1200 के लगभग होने के बावजूद कोई सुनने वाला नही है। गांव के 49 वर्षीय पुनिया पिता धन्ना काे पिछले 15 दिन से बुखार आ रहा था। हालत में सुधार नहीं हाेने पर ग्रामीण व परिजन इलाज हेतु झाेली में डालकर नदी पार कर मंगलवार काे कुक्षी के निजी क्लीनिक ले गए। जहां उपचार कराने के बाद पुन: ऐसे ही नदी पार कर गांव लाैटे। ऐसी स्थिति अधिक बारिश के समय नदी मे पानी का बहाव अधिक होने से कई बिमारी से ग्रसित बच्चे ,बुढे व गर्भवती ने दम तोड़ दिया ।
भूरियाकुंड निवासी व गंधवानी क्षेत्र क्र. 1 के जनपद सदस्य रेमसिंह गबराल भूरिया ने बताया तीन मजरे में ग्रामीण रहते हैं। यहा की जनसंख्या करीब 1200 है। इसी रास्ते से गुणियारा, चांदुणी, उमरकुआ का मुख्य मार्ग होने से ग्रामीण लोग भी नदी पार शहरी मुख्यालय पर हाट बाजार करने को मजबूर हैं। भूरिया ने बताया गंगा महादेव, बाेधवाड़ा समेत मांगाेद तक का पानी नदी, नालाें से हाेकर गांव से हाेता हुआ जीराबाद डैम में जाता है। यहां लंबे समय से पुल बनाने की मांग के लिए सीएम, कलेक्टर व विधायक काे कई बार पत्र लिख चुका हूं। लेकिन काेई बात नहीं बनी।
समय पर उपचार नहीं मिलने से यह ताेड़ चुके हैं दम
भूरिया ने बताया दाे साल पूर्व पाश्या पिता जाेखिया के बीमार हाेने व नदी में पानी आने से परिजन अस्पताल नहीं ले जा पाए। जिससे उसकी माैत हाे गई। एक साल पूर्व ही धारूबाई पति गुलाब की भी माैत उपचार नहीं मिलने से हाे गई। इसके पूर्व भी अब तक कई लाेगाें की माैत हाे चुकी है।
यातायात के नहीं हैं साधन
यह क्षेत्र मांगाेद-मनावर हाईवे स्थित राजपुरा से दस किमी अंदर ग्रामीण क्षेत्र में बसा है। चाराें तरफ पहाड़ी क्षेत्र है। यहां आवागमन के लिए के काेई साधन नहीं है। ग्रामीण बाइकाें से सकडी कच्ची रास्ते से आवागमन करते हैं।
अब देखना होगा कि भोज न्यूज़ की खबर से कब शासन व प्रशासन की नींद कब खुलती है ये समय ही तय करेंगा?
नयन लववंशी
धार मप्र
6261746002