धारमध्य प्रदेश

संत श्री आशाराम जी बापु द्वारा प्रेरित क्रपा पात्र शिष्य श्री रामा भाई के सानिध्य मातृ पित्र पुजन दिवस कपास्थल मे मनाया ,कीर्तन के साथ सनातन धर्म के संस्कार देने के साथ वेलेंटाइन डे नही मनाने का संकल्प दिलाया।


आज भले ही संत श्री आशाराम जी बापु विदेशी व राजनैतिक षड्यंत्र के तहत जैल मे बडे बडे शंकराचार्यो संतो व कथाकारो नेताओ द्वारा बापुजी के समर्थन मे होने बावजूद झुठा प्रकरण दर्ज कर अतंरराष्ट्रीय साज़िश के तहत फसाने की बात बार बार दोहराने के बावजूद हमारे देश की वर्तमान व तात्कालिक सरकारे व गुंगी बहरी न्याय प्रकिया के कारण आज संत श्री आशाराम जी बापु जी को बदनाम कर सजा करवा दी,उसके बावजूद हमारे देश मे अपराधी के लिए कानून है कि कितना भी बडा अपराधी हो उसको मानवाधिकार आयोग के अनुसार कानून के अनुसार पेरोल का अधिकार है हमारे देश के संविधान का अपमान करते हुए आज तक पेरोल तक नही दी गई।
आज बापुजी जेल मे होने के बावजूद उनको श्रद्धा भाव से मानने वाले की कमी नही है ,उनके सत्संग के माध्यम से आज समाज के भावी पीढ़ी व देश को नई दिशा देने मे कोई कमी छोडी जा रही है , वही हमारे बापुजी ने देश को नई दिशा देकर आज समाज ने एक नई परंपरा बना कर भारत एक विश्व गुरु हिंदु राष्ट्र बनने के लिए विदेशी परंपरा वेलेंटाइन डे के विरोध मे मातृ पित्र पुजन दिवस वही क्रिसमस के विरोध मे तुलसी पुजन दिवस की स्थापना कर सनातन धर्म को एक नई दिशा है वही हिंदु राष्ट्र बनाने मे नींव का पत्थर साबित हो रहे है जो वेलेंटाइन डे की जगह आज मात्र पित्र पुजन दिवस व क्रिसमस की जगह तुलसी पुजन दिवस भारत ही नही देश विदेश मे भी मनाये जाते है ।
उसी कडी मे आज मध्यप्रदेश के धार जिले के सरदारपुर तहसील के कपास्थल मे संत श्री आशाराम जी बापु से प्रेरित मात्र पित्र पुजन दिवस कपास्थल मे शबरी धाम धर्मशाला मे संत श्री आशाराम के कृपा पात्र शिष्य पुज्य रामा भाई जी सानिध्य मे सत्संग मे बडी संख्या मे माता पिता व बच्चे पहुचे हमारे देश के भावी पीढ़ी के ह्रदय मे अपने माता पिता के प्रति आदर भाव के बीज मंत्र फुकें।

रामा भाई के मुखारविंद से सत्संग कीर्तन के बाद बताय आज के युवा माता पिता का अपमान व दुर्व्यवहार करता ओर बुढापे मे घर से निकाल देते है इस कारण हमारे देश मे व्रद्धाआश्रम की संख्या बड रही है। आज का युवा 14 फरवरी को पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर लडके लडकी एक दुसरे को फुल देकर वेलेंटाइन डे पर बडी होटलो मे शराब व कबाब पार्टी अपने माँ बाप की मेहनत के करोडो रुपये बर्बाद कर अंत मे आत्महत्या तक कर लेते है हमारे देश के युवा को बर्बाद करने के लिए वेलेंटाइन डे थोपा गया,इन्ही बातो को ध्यान रखते हुए हमारे करुणामयी संत श्री आशाराम जी बापुजी ने 14 फरवरी को इसके वेलेंटाइन डे ऐवज मे मात्र पित्र पुजन दिवस व धर्मांतरण को रोकने के लिए क्रिसमस पर तुलसी पुजन दिवस की स्थापना 20साल पहले की थी ,भारतीय सनातन संस्कृति के रक्षा के लिए संकल्प लेते हुए युवा वर्ग रक्षा की चिंता करते मातृ पित्र दिवस व तुलसी पुजन दिवस आज मिल का पत्थर साबित हो रहे है आज बापुजी के साधक ही नही अपितु हर हमारे देश के बडे संत अपने अपने आश्रमो व सत्संगो मे बडे स्तर से बडे आदर के साथ तुलसी दिवस पुजन व मातृ पित्र दिवस हर वर्ष आज बडे देश विदेश बडे स्तर पर हिंदु मुस्लिम शिख इसाई सभी वर्ग मनाते है ।
योग वेदांत सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य पप्पु चोधरी ने बताया कि श्री रामा के सानिध्य मे हर वर्ष कि तरह इस वर्ष भी कपास्थल मे बडी संख्या मे दसई अमझेरा राजपुरा धार सहित दुर दुर से अपने माता पिता के साथ बडी संख्या युवा पहुंचते है खचाखच बडे पांडाल मे बापुजी द्वारा रामा भाई के माध्यम से अपने माता पिता के प्रति आदर भाव व सम्मान स्नेह एक अच्छे बेटे का कर्तव्य, धर्म का याद दिलाते है तो हर सतसंगी का ह्दय द्रवित हो गया कलयुग मे ऐसे द्रष्य भी देखने को मिलते है एक बेटे द्वारा अपने माँ बाप की हत्या की बात भी सुनने को मिलती है या बुढ़ापे मे अपने माँ बाप को घर निकाल देते है,भीख मांगने को मजबूर कर देते है देश मे व्रद्धाआश्रम की संख्या मे बढोतरी हुई है ,इस गंभीर समस्या मानव मात्र के लिए संत श्री आशाराम बापु ने मात्र पित्र दिवस की शुरुआत की।
पुज्य श्री रामा भाई ने सत्संग के माध्यम से बताया कि भगवान गणेश जी ने अपने माता पिता भगवान शंकर व पार्वती के परिक्रमा कर शाबित कर दिया था कि अपने माता पिता संतान के लिए भगवान व सारे तीर्थ से भी सर्वोपरी है जो माता पिता ने किया व दिया उसका कर्ज कोई बेटा कभी नही उतार सकता है अपने माता का पुजा अर्चना कर माला पहनाकर माता पिता व बेटो के प्रति आदर भाव से आंखे नम हो गई ओर भविष्य मे अपने माता पिता का अपमान नही करने का संकल्प दिलाया ।


नयन लववंशी

प्रधान संपादक

6261746002

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page

Close