लखनऊ विश्वविद्यालय कर रहा देश के भविष्य के साथ खिलवाड़,छात्रो ने लगाया उत्तरपुस्तिकाओ के गलत मूल्यांकन का गंभीर आरोप-

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राजधानी में इन दिनों लखनऊ विश्वविद्यालय की कारगुजारियों से समस्त छात्र-छात्राओ को परेशानी झेलनी पड़ रही है
देश के भविष्य के साथ ही विश्विद्यालय प्रशासन खिलवाड़ कर रहा है, समस्त छात्रों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि हाल में हुई बीएसी परीक्षा के परिणामो में परीक्षाओ में उपस्थित होकर परीक्षाओ को सुचारू ढंग से देने के बावजूद भी या तो विश्विद्यालय प्रशासन ने छात्रों को अनुपस्थित दिखाकर अनुत्तीर्ण कर दिया है या तो फिर एक लाइन से कॉपी में लिखने के बावजूद भी छात्रों को शून्य अंक देकर फेल कर दिया है।
लखनऊ विद्यालय के इस प्रकार से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन,व लापरवाही कही न कही से खुद में ही कई सवाल खड़े कर रहा है कि जिसके अंतर्गत छात्रों में विश्वविद्यालय के प्रति काफी रोष है।
उत्पीड़ित छात्रों से चर्चा आज की के संपादक गौरव बाजपेयी ने वहां पर जाकर छात्रों से जब खासबातचीत की तो वहाँ पर उपस्थित छात्रों का दर्द छलक उठा उन्होंने हमारे समाचार-पत्र के माध्यम से परीक्षा नियंत्रक से गुहार लगाई है कि उक्त सन्दर्भ में विश्विद्यालय प्रशासन उत्तरपुस्तिकाओ का पुनः मूल्यांकन करवाये व उपस्थित छात्रों के अंकपत्र में सुधार किया जाए।
छात्रों के साथ यह नाइंसाफी आई0कॉलेज में ही नही हुई है बल्कि यह गोलमाल लखनऊ के कई विद्यालयों देखने को मिल रहा है जिसके परिणामस्वरूप छात्रों के आंसू थमने का नाम नही ले रहे आखिरकार बिना कसूर के ही छात्रों के भविष्य के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय खिलवाड़ कर रहा है न तो अभी तक इस प्रकरण में लखनऊ विश्वविद्यालय ने कोई कार्यवाही करने की ही जहमत उठाई है और न ही इस प्रकार से लापरवाही बरतने वाले लोगो पर उत्तरपुस्तिकाओ के गलत ढंग के किये गए मूल्याकन पर ही कुछ किया जा सका है आखिर शिक्षा के नाम पर यह सब खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है जब कि छात्रों की उपस्थिति में भी उनको अनुपस्थिति दिखाकर अनुत्तीर्ण क्यों किया जा रहा है।
इस बार बीएससी के छात्रों के आये परिक्षाफल में काफी सारी त्रुटियां देखने को मिल रही है लखनऊ में स्थित करामात कॉलेज,आई0कॉलेज समेत कई कॉलेजों में छात्रों के साथ शिक्षा को लेकर अन्याय किया जा रहा है उनके भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ कर रहे है विश्विद्यालय के आलाधिकारी व सभी ज़िम्मेदार यदि जिम्मदारो ने समय रहते ही इन सभी मानकों पर ध्यान दे दिया होता तो शायद छात्रों की स्थिति रो-रोकर इतनी भयावह नही होती क्यों कि छात्रों के काफी मेहनत के बाद भी विपरीत परीक्षा परिणामो से छात्र काफी आहत व दुःखी है अब देखना शेष है कि सरकार व विश्विद्यालय प्रशासन इस लापरवाही बरतने वालो पर क्या कुछ कार्यवाही करता है।

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