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दसाई: संयम, साधना तथा संगठन के समुच्चय थे- गुरुदेव श्री जयंत सेन सुरीश्वर जी महाराज साहब….

संयम, साधना तथा संगठन के समुच्चय थे- गुरुदेव श्री जयंत सेन सुरीश्वर जी महाराज साहब। उनका संपूर्ण जीवन देश, समाज तथा स्व -परहित के लिए था, उन्होंने समाज के उत्थान के कार्य अपने रक्त को पानी बनाते हुए किए। उनमें मानव कल्याण की कामना तथा प्रत्येक व्यक्ति के प्रति शुभ भाव कूट-कूट कर भरा था, जीवन के हर क्षेत्र को उन्होंने अपने स्वयं के जीवन की शक्तियों के व्यव से आलोकित किया उनका जीवन समुद्र की जल राशि को नापने के समान है।
उक्त उद्गार अखिल भारतीय श्री राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद के प्रांतीय प्रचार मंत्री राकेश नाहर ने पुण्य सम्राट गुरुदेव श्री जयंत सेन सुरेश्वर जी महाराज साहब की पांचवी पुण्यतिथि पर श्री राजेंद्र सुरी ज्ञान मंदिर मेंआयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में व्यक्त किए ।
पुष्पांजलि कार्यक्रम में सर्वप्रथम श्री संघ अध्यक्ष संजय पीपाड़ा, परिषद अध्यक्ष मनीष पावेचा, महिला परिषद अध्यक्ष पूजा पावेचा ने गुरुदेव के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर निलेश सियाल, सुनील चंडालिया, राजेंद्र सियाल, रेखा राठौड़ आदि ने गुरुदेव के जीवन पर प्रकाश डाला ।
कार्यक्रम में शैतान मल नाहर, पारसमल पावेचा, जितेंद्र लोढ़ा, जैनम सियाल, मनोज खाबिया, दीपक सियाल, कमल राठौड़, शीतल लोड़ा, जतन बाई नाहर, रेणुका नाहर सहित बड़ी संख्या में गुरु भक्त उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने गुरुदेव के चित्र सम्मुख पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
कार्यक्रम का संचालन शैलेश सियाल ने किया।

प्रतीक सिंह राठौर

7047718143

नयन लववंशी

प्रधान संपादक | Nayanrathore844@gmail.com

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