राम रस का नशा समाज में शान बढ़ाता है,सोम रस (शराब) का नशा जीवन का विनाश करता है-महंत डॉ प्रज्ञा भारती,भागवत कथा के दुसरे दिवस पर संतों का किया सम्मान।

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धार। अनारद मे महंत डॉ प्रज्ञा भारती,भागवत कथा के दुसरे दिवस कथा के दौरान श्रीमद् शब्द से भागवत को अलंकृत किया गया है। ज्ञानवान बनने के लिए सन्तों के सान्निध्य में सत्संग करना पड़ेगा। भागवत भगवान् श्रीकृष्ण का साक्षात रूप है। भागवत श्रवण से ज्ञान,भक्ति, वैराग्य को जानना मिलता है। भागवत व्यक्ति को शान्ति व समाज को क्रांति प्रदान करता है। जहां शान्ति से काम ना हो वहां क्रांति से काम करो। उक्त प्रेरक बात समीप ग्राम अनारद के श्री रामदेव मंदिर तलाई पर आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय भागवत कथा के दूसरे दिन पूज्या साध्वी महंत डॉ प्रज्ञा भारती (मांगरोला आश्रम नर्मदा किनारे जिला रायसेन वालो) ने कहीं। उन्होंने कहा कि राम रस का नशा कथा पंडाल में नचाता है और सोम रस (शराब) का नशा सड़कों पर नचाता है। सोम रस शराब का नशा करने से व्यक्ति के जीवन का विनाश होता है,रामरस का नशा समाज में व्यक्ति की शान बढ़ाता है। शान का उल्टा करोगे तो नशा होगा समाज में शान चाहिए तो राम रस का नशा करो। तन मन धन व संतान से सुखी हो तो,दूसरो की उन्नति देखकर दुखी मत रहो। सुख के बदले सुख व दुआ बदले दुख मिलेगा। दूसरों को सुख देकर मानव जीवन को कल्याण बनाओ‌। भागवत कथा के दूसरे दिन भागवत कथा मे पहुंचे संतों व समाजसेवीयों का कथा प्रवक्ता व आयोजक नारायणसिंह पंवार द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।

इस अवसर पर महंत करणपुरी महाराज थाना पति उज्जैन,नागा बाबा उज्जैन,महंत शिवपुरी,बदामपुरी महाराज जबलपुर, साध्वी मंछामाता नर्मदा भारती,महंत चन्द्रपुरीजी,संतोषपुरीजी आश्रम बिल्लौदा,नारायणसिंह गोहिल, रतनसिंह गोहिल पिंजराया,सरपंच प्रतिनिधि उदयसिंह पड़िहार दावतखेड़ी उपस्थित थे। महाआरती के लाभार्थी अर्जुनसिंह पंवार दंपती रहे। आयोजक नारायणसिंह पंवार अनारद पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष सादलपुर ने श्रध्दालुओं से आयोजन में सम्मिलित होने का आग्रह किया। संचालन महेन्द्रसिंह चावड़ा टकरावदा ने किया।

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