
क्षत्रिय लौधा रेवाटीया गोत्र के कुलदेवता,कुलदेवी का नव निर्मित मंदिर देदला मे,प्राण प्रतिष्ठा तीन दिवसीय कार्यक्रम के साथ कल 18 मई को सुबह चुनरी कलशयात्रा,पुर्णा आहुति के साथ भंडारा।
मध्यप्रदेश के धार जिले के देदला मे विराजित क्षत्रिय लोधा रेवाटिया गोत्र के कुलदेवता,कुलदेवी,जुझार देवजी सदियो से विराजित है क्षत्रिय लौधा रेवाटीया गोत्र को लोग धार जिले ही नही वरन झाबुआ रतलाम जिले मे बडी संख्या मे निवास करते है अपने कुल देवता का पुजन करने हर साल बडी संख्या मे पहुंचते है।
कुल देवता अति प्राचीन बावड़ी के अंदर कुल देवी देदला गांव के उत्तर दिशा मे अति प्राचीन व भव्य रुप लिये खुले आसमान मे व जुझार देव जी गांव के बीचो बीच सदियो से विराजित है बडे ही चमत्कारी मुर्तिया है सभी की मनोकामना पूर्ण करने वाले बांज माताओ की कई की पुत्र व पुत्री के मन्नत लेकर गोद भरने बाद कई महिलाओ की झोली भरी है अन्य समाज के लोग भी बडी आस्था के साथ मानते व पुजन करत है । इतिहास से स्वर्ण अक्षरो मे आज भी शोभायमान है मुगल शासन फुट डालो राज्य करो नीती के साथ हिंदु व क्षत्रिय लोधा समाज की समाज एक जुटता नही होने के कारण राजस्थान के झालावाड जिले के रेवटी गांव से लडते हुए क्षत्रिय शिरोमणी संभाजी,साकाजी दो भाई एक बहन ने धार के राजा भोज नेतृत्व मे युद्ध मे विजय हासिल इस युद्ध मे उनकी बहन देदला मे युद्ध लडते हुए विरगति को प्राप्त हुई। राजा भोज दोनो भाई के राष्ट्र के प्रति समर्पण व बहादुरी से प्रसन्न होकर देदला स्टेट पुरस्कार के रुप दी प्रदान की वही से मे निवास करने लगे कि है जो देदला कुलदेवी विराजित है उसके आस-पास आज भी मकान के खंडहर के अवशेष गवाह है।
कुछ दशक के दौरान उन्होन साकाजी ने सकतली गांव बसाया वही संभाजी ने सांभर गांव बसाया, सांभर मे हमारी कुल देवी भी विराजित थी जो कि आज सकतली मे आज भी शोभायमान है, देदला सकतली व सांभर मे बडी बडी बावडी खुदवायी ऐसे कई उदाहरण उनकी वीरता व शौर्य, बहादुरी देखने को मिलते है ।
पिछले दो साल से कुल देवता व कुल देवीजी का बडा ही सुंदर भव्य मंदिर का निर्माण किया गया।
समाज के वरिष्ठ व जनपद पंचायत सदस्य धुलजी रेवाटिया बालोदा ने बताया कि दिनांक 16मई से 18 मई तक तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम आयोजित कर नव निर्मित मंदिर मे रेवाटिया परिवार के के कुलदेवता व कुलदेवी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह आयोजित किया जा रहा है दिनांक 16 को यज्ञ मंडल, प्रायश्चित कर्म हेमादि स्नान रात्री जागरण,17मई को पंचांग कर्म,जलाधिवास,अन्नाधिवास शम्याधिवास,18 मई प्रा:त चुनरी डिजे बेंड बाजे के साथ भव्य कलश यात्रा देव प्रतिष्ठा नित्यार्चन मंगल वेला मे महा आरती के बाद भंडारे का आयोजन किया जायेगा इस अवसर पर धार ही नही वरन अन्य जिले से रेवाटिया गोत्र परिवार बडी संख्या पहुचने की उम्मीद है।

प्रधान संपादक
नयन लववंशी
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