धार पुलिस अधीक्षक कि संदेहास्पद कार्यप्रणाली के समाचार प्रसारीत करने वाले पत्रकार पर झूठे प्रकरण दर्ज करने कि पुलिस कर रहे तैयारी! क्षैत्रिय पत्रकारों मे आक्रोश, ज्ञापन देकर पुलिस के इस कृत्य को बताया निन्दनीय!
धार जिले के राजगढ़ थाने पर एक युवती कि गुमशुदगी दर्ज कि गयी थी करिब दो माह बाद युवती के परिजनों ने युवती को प्रदीप डामोर नामक युवक के साथ इन्दौर से पकड़ पुलिस थाना राजगढ़ पर सुपुर्द कर दिया जिसके पश्चात युवती को परिजनों के सुपुर्द कर युवक को पुलिस कस्टडी में रखा गया था किन्तु अगले ही दिन सुबह युवक प्रदीप का शव थाना कार्यालय से करीब 100मीटर दूर नीम के पेड़ से लटका मिला! इस मामले में मृतक प्रदीप के परिजनों ने पुलिस थाना राजगढ़ परिसर के सामने प्रदीप का शव रखकर एसआई लोकेशसिह भदौरीया व एएसआई वसना चौहान पर हत्या के गम्भीर आरोप लगाये थे जिस पर पुलिस अधीक्षक आदीत्यप्रताप सिंह ने एएसआई वसना चौहान सहित चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया किन्तु एसआई लोकेशसिह भदौरीया पर कोई कार्रवाई नहीं की तब पत्रकार शैलेन्द्र पँवार द्वारा पुरे घटनाक्रम के साथ एसपी आदित्यप्रताप सिंह कि कार्यप्रणाली संदेहास्पद बताने कि खबर प्रसारित कि गयी थी! इसी से बोखलायें एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने एसडीओपी ऐश्वर्य शास्त्री व एसआई लोकेशसिह भदौरीया के साथ मिलकर पत्रकार शैलेन्द्र पँवार को झूठे प्रकरणों मे फँसाने का षड़यंत्र रचना शुरू कर दिया है, कुछ लोगों द्वारा शैलेन्द्र पँवार को अपनी फेसबुक आईडी से खबर हटाने के लिये भी दबाव बनाया जा रहा है जिससे पत्रकार शैलेन्द्र पँवार व उनके परिजन मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर पुलिस से बहुत भयभीत है! जिससे क्षैत्र के समस्त पत्रकारों मे रोष व्याप्त है कि जब क्षैत्र के निष्पक्ष और साहसी पत्रकार के साथ पुलिस इस प्रकार का व्यवहार कर रही है तो इस आदिवासी बाहुल्य क्षैत्र मे पुलिस जनता को न्याय दिला पाने मे कहा तक सफल रह पाती होगी! पत्रकारों ने आज अपना रोष व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित वृहद स्तर तक के नाम एसडीएम विजय राॅय को ज्ञापन सौंपा! ज्ञापन का वाचन दिपेन्द्रसिंह पँवार ने किया! लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी अपनी कलम चलाने में सोचने पर मजबूर होना पड़ता है जिसको लेकर समस्त पत्रकारों द्वारा कड़ी निंदा की गई है और कहा गया कि पुलिस पत्रकार श्री पँवार को पूर्व मे बाईज्जत बरी हो चुके फर्जी प्रकरणों को ढाल बनाकर अपराधी बनाना चाहती है जबकि श्री पँवार क्षैत्र के गरिब व अन्याय के शिकार हुए लोगों कि एक बुलंद आवाज कि भुमिका निभा रहे है! पुलिस का उद्देश्य एक अपराधी को सही मार्ग दिखाकर समाज मे सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने के लिये प्रेरीत करना होता है ना कि पूर्व मे झूठे प्रकरणों के शिकार होकर बाईज्जत बरी हुए एक सच्चे पत्रकार को द्वेषभाव से प्रेरित होकर अपराधी बनाना होना चाहिए!