दसाई : एक अलग छटा बिखेरता उंडवा नदी किनारे 30 फीट गहराई में स्थित उण्डेश्वर महादेव वृक्ष मंदिर के रूप में पुरे क्षेत्र में पहचान बना….
एक अलग छटा बिखेरता उंडवा नदी किनारे 30 फीट गहराई में स्थित उण्डेश्वर महादेव वृक्ष मंदिर के रूप में पुरे क्षेत्र में पहचान बना , इस स्थल पर महाशिवरात्रि पर्व का 25 वा आयोजन 26 फरवरी दसई। क्षेत्र का प्रसिद्ध वृक्ष मंदिर एवं पथरीली चट्टानों की भूमि पर छाई हरियाली के बिच एक अलग छटा बिखेरता उंडवा नदी किनारे 30 फीट गहराई में स्थित उण्डेश्वर महादेव वृक्ष मंदिर के रूप में पुरे क्षेत्र में पहचान बना चुका है ये दो तहसीलों में स्थित यह स्थल मां जयंती धाम सरदारपुर तहसील सीमा में और बदनावर तहसील की सीमा में उंडवा नदी किनारे 30 फीट गहराई में स्थित उण्डेश्वर महादेव वृक्ष मंदिर स्थापित है गौरतलब रहे कि
जयंती माता स्थल पर वर्ष 2000 के पूर्व यह एक वीरान पथरीली पहाड़ी जैसा था। जहां पर एक गुफा में मां जयंती की मूर्ति विराजमान है। उक्त स्थल पर वर्ष 2000 में आसपास के क्षेत्र के पर्यावरण मित्रों द्वारा इस पथरीली भूमि को हरा भरा करने के लिए पर्यावरण क्रांति का संकल्प लेकर इस भूमि पर पौधारोपण कार्य प्रारंभ किया गया इससे पूर्व पर्यावरण प्रेमियों ने एक बड़ी थाल में शिवलिंग विराजमान कर पंडितों के द्वारा रूद्र अभिषेक प्रारंभ किया गया था। आगे चलकर धार्मिक कार्यक्रम ने पौधरोपण क्रांति रूप ले लिया। नो लोगों के संगठन से शुरू हुआ जन हितैषी कार्य पर्यावरण प्रेमियों की अनूठी पहल से पथरीली पहाड़ी को हरा भरा कर स्थापित कर भव्य वृक्ष मंदिर बना दिया। इस स्थल पर पर्यावरण प्रेमियों द्वारा बीते 24 वर्षों से पर्यावरण क्रांति फेलाते हुए पूरी पथरीली भूमि पर छायादार फलदार औषधि फूल पौधे आदि के पौधे लगाए गए जो बीते 24 वर्षों में अब पेड़ का रूप ले लिया है पर्यावरण क्रांति कार्य अभी भी जारी है ऐसे हुई पौधरोपण की शुरुआतशुरुआती वर्ष में पौधारोपण के उद्देश्य से 9 सदस्यीय मां जयंती धाम सेवा समिति का गठन समीप गांव दसाई के पर्यावरण प्रेमी मित्रों ने किया। समिति के माध्यम से वर्ष 2000 से 2004 तक एक संकल्प के रूप में महाशिवरात्रि मनाने के साथ ही वीरान पड़ी इस पहाड़ियों पर पौधारोपण व जल संरक्षण का कार्य सघन चलता रहा। शुरुआती दिनों में समिति के सदस्यों ने एक नाव का निर्माण किया। उसी के सहारे इस छोर से दूसरे छोर पर जाते थे।मां जयंती धाम सेवा समिति दसई ने समिति का रजिस्ट्रेशन करा कर पुरे परिसर में कई नव निर्माण कार्य किये जा रहे हैं।समिति ने 2000 में पर्यावरण क्रांति की शुरुआत के 4 वर्षों में जयंती धाम की इस पहाड़ी ने हरियाली की चादर ओढ़ ली। वर्ष 2005 में मां जयंती मंदिर के ठीक सामने की भूमि की एक चट्टान पर विशालकाय शिवलिंग की स्थापना विधि विधान से की गई। यह भूमि भी वीरान स्थिति में थी, लेकिन सेवा सदस्यों की निरंतर कड़ी मेहनत व पवित्र उद्देश्य से पौधारोपण बड़ी संख्या में किया गया और फिर प्रति वर्ष महाशिवरात्रि पर्व भी बड़े धूमधाम से मनाया जाने लगा। बड़ी संख्या में शिव भक्त दूर-दराज से आने लगे। संस्था के हरियाली लाओ जल बचाओ अभियान ने जन क्रांति का रूप ले लिया। वर्तमान में जयंती धाम व श्री उण्डेश्वर धाम स्थल की लगभग 60 बीघा भूमि पर निरंतर सेवा के कारण लगाए गए हजारों पेड़ पौधों ने वृक्ष का रूप धारण कर लिया है मा जयंती धाम प्रबंध सेवा संस्था संस्थापक रामकरण पटेल अध्यक्ष सुरेश भूत दशरथ पाटीदार गोपाल भालोड आदि ने बताया कि समिति के सभी सदस्यों की कड़ी मेहनत के साथ प्रतिवर्ष आयोजन किया जा रहा है महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजन के साथ क्षेत्र में पर्यावरण का संदेश देने का कार्य समिति के माध्यम से किया जा रहा है समिति के द्वारा पिछले वर्ष जयंती धाम मंदिर का भव्य गेट का निर्माण किया गया आगामी दिनों में उड़वा नदी किनारे घाट निर्माण एवं मंदिर का 51 फीट शिखर निर्माण कार्य पूरे होंगे जल संग्रहण के लीये बोरी बांध होगाप्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर इस स्थल पर भक्तों का मेला लगा रहता है। इस स्थल पर महाशिवरात्रि पर्व का 25 वा आयोजन आयोजित होगा जहां पर सुबह 7 बजे लघु रुद्राभिषेक, 10 बजे श्री उण्डेश्वर महादेव मंदिर 51 फीट शिखर निर्माण भूमि पूजन, 11 बाबा का दिव्य श्रृंगार खिलेडी दसई शिव भक्त मित्र मंडल के द्वारा किया जाएगा,12 बजे महाआरती, एवं महाप्रसाद शाम को दीप यज्ञ, एवं भजन संध्या, के आयोजन होंगे
नयन लववंशी
6261746002