प्रभु से बढ़कर कोई और सुख और सम्पदा नहीं, भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव होता है कल्याण।

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मध्यप्रदेश के धार जिले के सरदारपुर तहसील ग्राम पदमपुरा में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के द्वितीय दिवस बुधवार को राजा परिक्षित की कथा का वर्णन करते हुए कहा की जिस राजा की प्रजा दुखी होती है उस राजा को नर्क मे जाना पड़ता है। कथा वाचक पं.केशव चतुर्वेदी (खाचरोद)ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि आप सब पर ठाकुर जी की कृपा है। जिसकी वजह से आप आज कथा का आनंद ले रहे है। श्रीमद भगवत कथा का रसपान कर पा रहें हैं क्योंकि जिन्हें गोविन्द प्रदान करते है जितना प्रदान करते है उसे उतना ही मिलता है। कथा में यह भी बताया की अगर आप भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं, कुछ सीखना चाहते है तो कथा में प्यासे बन कर आए, कुछ सीखने के उद्देश्य से, कुछ पाने के उद्देश्य से आएं, तो ये भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ देगी।
मनुष्य का जीवन सांसारिक भोग में नही कृष्णभक्ति में बिताएं
मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है, लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है। उसका सारा ध्यान संसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है। मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति शाश्वत है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का उद्देश्य कृष्ण को पाकर ही जीवन छोड़ना है और अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे कि हमें जीवन में कृष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा नहीं है।

भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण करती है

भगवत कथा के समय स्वयं श्रीकृष्ण आपसे मिलने आए हैं। जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है, भागवत उसका सदैव कल्याण करती है। उन्होंने कहा कि बिना जाति और बिना मजहब देखे इनसे आप जो मांगे ये आपको वो मनवांछित फल देती है और अगर कोई कुछ न मांगे तो उसे मोक्ष परियन्त तक की यात्रा कराती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
आयोजन एवं आरती के लाभार्थी मोतीलाल तिलायचा , जगदीश तिलायचा, कैलाश तिलायचा, मुन्नालाल तिलायचा , परमानंद तिलायचा सहित सम्पूर्ण तिलायचा परिवार रहे। इस अवसर पर नानुराम बागडी बोला,हरकचन्द मुलेवा खुटलपा,कैलाश कारोल कारोल लाबरिया ,बाबुलाल बरमण्डल,खेमचन्द जायसवाल चिराखान पत्रकार,
प्रभुलाल मूकाती चिराखान पत्र‌कार,विजय बरमण्डल,गोविन्द जी मुकाती चिराखान का व्यासपीठ से नागरिक अभिनंदन किया गया। वालों का सदैव होता है कल्याण

प्रभुलाल पाटीदार,चिराखान।समीपी ग्राम पदमपुरा में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के द्वितीय दिवस बुधवार को राजा परिक्षित की कथा का वर्णन करते हुए कहा की जिस राजा की प्रजा दुखी होती है उस राजा को नर्क मे जाना पड़ता है। कथा वाचक पं.केशव चतुर्वेदी (खाचरोद)ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि आप सब पर ठाकुर जी की कृपा है। जिसकी वजह से आप आज कथा का आनंद ले रहे है। श्रीमद भगवत कथा का रसपान कर पा रहें हैं क्योंकि जिन्हें गोविन्द प्रदान करते है जितना प्रदान करते है उसे उतना ही मिलता है। कथा में यह भी बताया की अगर आप भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं, कुछ सीखना चाहते है तो कथा में प्यासे बन कर आए, कुछ सीखने के उद्देश्य से, कुछ पाने के उद्देश्य से आएं, तो ये भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ देगी।
मनुष्य का जीवन सांसारिक भोग में नही कृष्णभक्ति में बिताएं
मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है, लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है। उसका सारा ध्यान संसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है। मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति शाश्वत है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का उद्देश्य कृष्ण को पाकर ही जीवन छोड़ना है और अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे कि हमें जीवन में कृष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा नहीं है।

भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण करती है

भगवत कथा के समय स्वयं श्रीकृष्ण आपसे मिलने आए हैं। जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है, भागवत उसका सदैव कल्याण करती है। उन्होंने कहा कि बिना जाति और बिना मजहब देखे इनसे आप जो मांगे ये आपको वो मनवांछित फल देती है और अगर कोई कुछ न मांगे तो उसे मोक्ष परियन्त तक की यात्रा कराती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
आयोजन एवं आरती के लाभार्थी मोतीलाल तिलायचा , जगदीश तिलायचा, कैलाश तिलायचा, मुन्नालाल तिलायचा , परमानंद तिलायचा सहित सम्पूर्ण तिलायचा परिवार रहे। इस अवसर पर नानुराम बागडी बोला,हरकचन्द मुलेवा खुटलपा,कैलाश कारोल कारोल लाबरिया ,बाबुलाल बरमण्डल,खेमचन्द जायसवाल चिराखान पत्रकार,
प्रभुलाल मूकाती चिराखान पत्र‌कार,विजय बरमण्डल,गोविन्द जी मुकाती चिराखान का व्यासपीठ से नागरिक अभिनंदन किया गया।

प्रधान संपादक

नयन लववंशी

6261746002

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