मध्य प्रदेश के धार में सभी थाना चोकी इकाई पर हिंदु जागरण मंच धार के नेतृत्व मे मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर और उससे होने वाली समस्याओं को लेकर पुलिस चोकी दसई प्रभारी प्रशांत पाल को ज्ञापन सौंपते हुए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक की माँग सख्त से माँग की गई है। कहा गया है कि ये लाउडस्पीकर बिना किसी कानूनी इजाजत के लगाए गए हैं। इनसे होने वाला ध्वनि प्रदूषण जानलेवा है और इससे आम लोग छात्र व छात्राओ को काफी परेशानी व बीमारी झेलनी पड़ती है। अब शहर को ध्वनि प्रदूषण रहित बनाने की जरूरत है। उनके मुताबिक शहर की घनी भीड-भाड वाली जगहों में मस्जिदों से दिन में कई-कई बार लाउडस्पीकर से तेज आवाज में अजान की जाती है। इससे आम जनता को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दावा है कि मस्जिदों से ध्वनि के मानकों से कहीं अधिक तेजी के साथ प्रदूषण किया जा रहा है।
संविधान के अनुच्छेद 19 (1) A और अनुच्छेद 21 को ध्वनि प्रदूषण से जान के खतरे के तौर पर माना गया है। इसके अलावा अनुच्छेद 51 A (G) में भी व्यक्ति के मौलिक कर्तव्यों के तौर पर पर्यावरण संरक्षण को बताया गया है। इसमें मौलाना मुफ्ती सईद बनाम पश्चिम बंगाल सरकार के मामले में कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया गया है, जिसमें हाई कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण के मसले पर कहा था कि प्रत्येक व्यक्ति को उसके धर्म का पालन करने का अधिकार तो है, लेकिन इससे उसे ध्वनि प्रदूषण फैलाने का अधिकार नहीं मिल जाता है।
ज्ञापन में कहा गया है कि IPC की धारा 268 के तहत ध्वनि प्रदूषण फैलाने को सार्वजनिक उपद्रव माना गया है। वहीं IPC की धारा 290 में इसको लेकर सजा का भी प्रावधान किया गया है। धारा 135 के अंतर्गत इस मामले में कार्रवाई का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होता है।
वही सऊदी अरब में बैन है लाउड स्पीकर से अजान वकीलों ने सऊदी अरब का जिक्र करते हुए कहा है कि वहाँ 94,000 मस्जिदें हैं, लेकिन सऊदी के सांस्कृतिक मंत्रालय ने इबादत के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है। यह रोक शोर कम करने के लिए लगाई गई है।
इसी के तहत हिंदु जागरण मंच दसई इकाई के बडी संख्या मे पदाधिकारीगण व लोग पहुचे ओर अतिशिघ्र ही कार्यवाही की मांग की ।
नयन लववंशी
प्रधान संपादक
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