संत श्री आशाराम जी बापु द्वारा प्रेरित मातृ पित्र दिवस कल 31 जनवरी मंगलवार को कपास्थल मे क्रपा पात्र शिष्य श्री रामा भाई के सानिध्य सत्संग कीर्तन के साथ सनातन धर्म के संस्कार देने के साथ मनाया जायेगा ,पादुका पुजन के बाद भंडारे का आयोजन ।
आज भले ही संत श्री आशाराम जी बापु विदेशी व राजनैतिक षड्यंत्र के तहत जैल मे होने के बावजूद आज भी उनको श्रद्धा भाव से मानने वाले की कमी नही है , उनके सत्संग के माध्यम से आज समाज व देश को नई दिशा देने मे कोई कमी छोडी जा रही है , वह दिशा आज समाज ने एक नई परंपरा बना कर भारत एक विश्व गुरु हिंदु राष्ट्र बनने की अग्रसर है ।
उसी कडी मे आज मध्यप्रदेश के धार जिले के सरदारपुर तहसील के कपास्थल मे संत श्री आशाराम जी बापु से प्रेरित मात्र पित्र दिवस संत श्री आशाराम जी आश्रम कपास्थल मे संत श्री आशाराम के कृपा पात्र शिष्य पुज्य रामा भाई जी सानिध्य मे दिनांक 31 जनवरी 2023 ,मंगलवार को 11बजे से मनाया जायेगा।
रामा भाई के मुखारविंद से सत्संग कीर्तन के बाद माता पिता का पुजन के बाद महा आरती के बाद भंडारे का आयोजन रखा गया है ।
आज का युवा 14 फरवरी को पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर लडके लडकी एक दुसरे को फुल देकर वेलेंटाइन डे पर बडी होटलो मे शराब व कबाब पार्टी अपने माँ बाप की मेहनत के करोडो रुपये बर्बाद कर अंत मे आत्महत्या तक कर लेते है हमारे देश के युवा को बर्बाद करने के लिए वेलेंटाइन डे थोपा गया,इन्ही बातो को ध्यान रखते हुए हमारे करुणामयी संत श्री आशाराम जी बापुजी ने 14 फरवरी को इसके वेलेंटाइन डे ऐवज मे मात्र पित्र दिवस व क्रिसमस पर तुलसी पुजन दिवस की स्थापना कर भारतीय सनातन संस्कृति के रक्षा के लिए संकल्प लेते हुए युवा वर्ग रक्षा की चिंता करते मातृ पित्र दिवस व तुलसी पुजन दिवस आज मिल का पत्थर साबित हो रहे है आज बापुजी के साधक ही नही अपितु हर हमारे देश के बडे संत अपने अपने आश्रमो व सत्संगो मे बडे स्तर से बडे आदर के साथ तुलसी दिवस पुजन व मातृ पित्र दिवस हर वर्ष आज बडे देश विदेश बडे स्तर पर हिंदु मुस्लिम शिख इसाई सभी वर्ग मनाते है ।
योग वेदांत सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य पप्पु चोधरी ने बताया कि श्री रामा के सानिध्य मे हर वर्ष कि तरह इस वर्ष भी बडी संख्या मे दसई अमझेरा राजपुरा धार सहित दुर दुर से अपने माता पिता के साथ बडी संख्या युवा पहुंचते है खचाखच बडे पांडाल मे बापुजी द्वारा रामा भाई के माध्यम से अपने माता पिता के प्रति आदर भाव व सम्मान स्नेह एक अच्छे बेटे का कर्तव्य, धर्म का याद दिलाते है तो हर सतसंगी का ह्दय द्रवित हो जाता है कलयुग मे ऐसे द्रष्य भी देखने को मिलते है एक बेटा माँ बाप की हत्या की बात भी सुनने को मिलती है या बुडापे मे अपने माँ बाप को घर निकाल देते है,भीख मांगने को मजबूर कर देते है देश मे व्रद्धाआश्रम कम हो इसके लिए संत आशाराम बापु ने मात्र पित्र दिवस की शुरुआत की।
रामा के सत्संग के माध्यम से माता पिता की पुजा अर्चना कर माला पहनाकर भावुक सत्संग से सभी माता पिता व बेटो के प्रति आदर भाव से आंखे नम हो गई ओर भविष्य मे अपने माता पिता का अपमान नही करने का संकल्प दिलाया।
नयन लववंशी
प्रधान संपादक
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