मुक्तिधाम मे टीन सेड नहीं होने से बारिश में अंतिम संस्कार तिरपाल के सहारे करने को मजबूर,नेताओ व प्रशासन अधिकारीयो के लिए शर्मशार करने वाली खबर ।
मध्यप्रदेश के धार जिले के ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध नगरी मांडू मे एक शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है ,सरकार की जन हित की दर्जनो योजनाओ के बावजूद जमीनी हकीकत यह कह रही है कि आम जन तक स्थानीय नेता व प्रशासन नही पहुचा पाये, स्थानीय नेता को अपनी जेब भरने से ही फुर्सत नही नही है ,देश के आजादी के 75 साल का हम अम्रत महोत्सव कितने भी मना ले जहा तक नेताओ व प्रशासनिक अधिकारीयो की कथनी ओर करनी मे भेदभाव रहेगा वहा तक ऐसे द्रश्य देखने को मिलते रहेंगे।
नेताओ की सुविधा के लिए बडी बडी वातानुकूलित शाही होटले तो बना ली, परंतु आम व गरीब लोगो के लिए एक मुक्तिधाम मे टीन सेंड का निर्माण नहीं करा सके।
भारी बारिश में तिरपाल का सहारा लेकर शव का अंतिम संस्कार करने को मजबूर है अगर कुछ देर पानी नहीं रुकता तो दुसरी जगह ले जाना पडता ,
मांडू में नहीं है मुक्तिधाम भारी बारिश में खुले में दाह संस्कार करना पड़ता है,स्थानीय जनप्रतिनिधि के दावों की जमीनी हकीकत की तस्वीर सब कुछ बयां कर रही है।
मांडू पर्यटन स्थल अब धीरे-धीरे अव्यवस्था का केंद्र बनता जा रहा है यहां आने वाले पर्यटक भी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होते नजर आ रहे।
मांडू विश्व पर्यटन स्थल के नाम से जाना जाता है जबकि यहां मूलभूत सुविधाओं के नाम पर खोखले दावे कर प्रशासन व स्थानीय नेता डोल पीट रहे है। मांडू और आसपास के क्षेत्र में एक भी मुक्तिधाम नहीं होने के कारण ग्रामीण काफी परेशान हैं। ग्रामीणो की माने तो बारिश के समय में शव का अंतिम संस्कार करने की चिंता हमेशा ग्रामीणों को सताती रहती है। ग्रामीणों ने बताया कि हमने कई बार मुक्ति धाम के निर्माण को लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं।
वहीं मांडू नगर के अन्तर्गत अपने वाले ऐसे कई गांव हैं जहां मुक्ति धाम नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं मांडू के रेवा कुंड खुले में मुक्तिधाम न होने के कारण खुले में शव का अंतिम संस्कार करना पड़ता है। एक तरफ शासन द्वारा मांडू पर्यटन स्थल अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन कई मांडू सहित मांडू से जुड़े गांव शासन की इन योजनाओं से वंचित हैं।
मांडू पर्यटन स्थल पर आज तक मुक्तिधाम का निर्माण नहीं सका है। जिसकी वजह से ग्रामीणों को किसी का निधन होने पर खुले में ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है। लेकिन बरसात में यहां अंतिम संस्कार करना किसी मुसीबत से कम नहीं हैं। बुधवार दोपहर में नगर के वार्ड क्रमांक 4 की महिला श्रीमती योगिता परिहार का दाह संस्कार मुक्तिधाम नहीं होने के कारण चलती बारिश में हुआ।
ग्रामीण अंचल में हालात ज्यादा खराब
मांडू नगर परिषद होने के बाद यहां के जनप्रतिनिधि आज तक इस ओर कदम नहीं उठा पाए कई वर्षों से में किए जाने वाले विकास कार्यों में मुक्तिधाम की सुविधा को प्रमुखता से नहीं लिया जा रहा है। जबकि समय पर यह सभी की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि अधिकांश ग्रामीण अंचल में भी मुक्तिधाम हैं ।
बारिश के दिनों में तो इतना पानी भर जाता है कि अंतिम संस्कार करना मुश्किल हो जाता है।
नयन लववंशी
प्रधान संपादक
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